जहां आज की युवा पीढ़ी ग्लैमरस की चकाचौंध रौशनी में डूबा हुआ हैं, सोशल मीडिया की आभासी ज्ञान ने उन्हें जकड़ रखा हैं। ऐसे में समाज और परिवार से वह दूर होता जा रहा हैं।
इसी समाज के कुछ लोग देश और समाज के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। ऐसे में ही एक युवा हैं आनंद मीना, जो स्वामी विवेकानंद के उस कथन को चरितार्थ करते हैं। जिसमें उन्होंने कहा था मैं उस भगवान की सेवा करता हूं, जिसे अज्ञानी लोग मनुष्य कहते हैं!
आनंद अपने द्वारा चलाए जा रहे क्लब प्रयास के माध्यम से सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हैं, इस ठंड में वो उन असहाय, बेसहारों का सहारा बन रहे हैं जो इस ठंड में गर्म कपड़े के बिना स्टेशन पर ठंड से कपकपा रहे हैं, उनके लिए ये सितकालीन कपड़े इकट्ठे करते हैं और फिर वह कपड़े लेकर शहर के असहाय लोगों के बीच जाकर देते हैं।
02 से 10 जनवरी के बीच अभियान चलाया, RPCAU परिसर के भीतर सभी शीतकालीन कपड़े फैकेल्टी रेजिडेंसी से कॉल और पिकअप के आधार पर प्राप्त कर लिए एकत्रित कपड़ों की छटाई और रेसिंग के बाद सेमरी गांव पूसा और समस्तीपुर जंक्शन पर असहाय लोगों के बीच वितरण किए। इनके टीम के सदस्य हैं, विनय परिमार, अंकित शर्मा, मधुसूदन रेड्डी आदि।
आइए जानते हैं कौन हैं ये आनंद मीना?
आनंद मीना देहगांव, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। वह अभी डा० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर में कृषि व्यवसाय और ग्रामीण प्रबंधन के छात्र है। मीना खाली समय निकालकर समाज के प्रति अपना दायित्व बहुत ही निष्ठा से निभाते हैं। वे कहते हैं कि सामाजिक कार्य के लिए युवाओं को भी आगे आना चाहिए, मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
Anand jee ke dawra ye jo kaam kiya ja raha hai ye bahut hi samaman janak hai
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