गरीबों के मसीहा डॉ मनीष मण्डल के खिलाफ मनुवादी रच रहे हैं साजिश!

बिहार के एक मात्र सर्वश्रेष्ठ संस्थान IGIMS में निजी क्षेत्र ( प्राइवेट / आउट सोर्सिंग कंपनी ) के कंपनी के द्वारा बड़े पैमाने पर घोटाला,IGIMS का अधिकांश नियमावली AIIMS पर आधारित हैं । जिसमें ऐसे ऐसे नियमावली हैं जिसका AIIMS से कोई मतलब नहीं है! जैसे - IGIMS को बिहार सरकार, कोई भी राशि का सहयोग नहीं करती हैं ।परन्तु ,वही AIIMS के लिए । सांसद से, विशेष पैकेज के रूप से राशि का घोषणा कर पारित किया जाता हैं,और दिया जाता हैं

इस प्रकार के सिस्टम को आप कैसे समझ सकते हैं ...? 

IGIMS का मालिक बिहार सरकार है और AIIMS का मालिक केंद्र सरकार।बिहार सरकार का जो तय मानदेय ( वेतन ) है वो IGIMS में दिया जाता है।केंद्र सरकार का जो तय मानदेय ( वेतन ) हैं, वह AIIMS में दिया जाता है।और वेतन में इजाफा तो मालिक ही कर सकता है । यानी बिहार सरकार।और वेतन भोगियों की बात सरकार तक , सिर्फ डायरेक्टर ही स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से पहुंचा सकता है। इसमें मेडिकल सुपरिटेंडेंट ( अधीक्षक/MS ) का किसी भी, प्रकार का हस्तक्षेपनहीं होता हैं ! अब बात आति हैं कि जो कर्मचारी किसी भी निजी क्षेत्र ( प्राइवेट कंपनी ) के माध्यम से IGIMS में , नियुक्ति किया जाता हैं । उसका तय मापदंड निजी क्षेत्र के कंपनियों के द्वारा तय किया जाता हैं । यह निजी क्षेत्र के कंपनी बहाली कैसे लेता हैं ? यह उस पर निर्भर करता हैं । पैसा लेकर करता हैं या कोई निजी लाभ का वादा करके भर्ती लेता हैं,यह उस पर कंपनी पर निर्भर करता हैं!

पंरतु ,यहाँ पर निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए । कुछ मनुवादी प्रवृत्ति के प्रसाशनिक पदाधिकारी  एवं सहायक निदेशक श्री ( डॉ ) प्रो. विभूति प्रसन्न सिंह ( सह विभाग अध्यक्ष ) के द्वारा इस आउट सोर्सिंग ( निजी क्षेत्र ) के कर्मचारियों को भड़काया जा रहा है और उस आउट सोर्सिंग कमर्चारियों को धरना प्रदर्शन के लिए उसकाया जा रहा है! ताकि डॉ मनीष मण्डल ( मेडिकल सुप्रिदेण्टेन्ट /MS, अधीक्षक सह विभागाध्यक्ष गैस्ट्रो सर्जरी ) को अशासनी से बदनाम कर इस पद से पदमुक्त कर अपने मनचाहे को , इस पद पर स्थापित किया जाए जबकि सर्वेक्षण से पता चला कि डॉ मनीष मण्डल ,गरीब लोगों के लिए । मसीहा के रूप में हैं,रात के 2 बजे हो या 3 बजे हो या किसी भी वक्त हो ? उपस्थित रहते हैं । वैश्विक महामारी कोरोना काल के समय ,बहुत घरों को मासूस होने से बचाए हैं यह लोगों का कहना है इस संदर्भ में , एक पत्र जारी कर डॉ मनीष मण्डल के विरुद्ध साजिश रचा जा रहा हैं!






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