दोपहर बारह बजे तक नहीं पहुंचे कॉलेज तो पुलिस को दी गई सूचना
मिली जानकारी के अनुसार जब से 12 बजे तक महाविद्यालय परिसर में नहीं पहुंचे तो मोबाइल पर संपर्क किया गया। उनका मोबाइल स्विच ऑफ था। जब अत्यधिक आवश्यकता हुई तो महाविद्यालय के कुछ कर्मी उनके आवास पर पहुंचे। आवास अंदर से बंद था। जब अंदर झांक कर देखा गया तो चाबी का गु'छा अंदर फेंका हुआ था। जब शंका हुई तो इसकी सूचना पटोरी थाना को दी गई। थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल के नेतृत्व में पटोरी पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश की। अंदर एक कमरे में उनका शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। उनकी हत्या रात में किए जाने की आशंका है
गले पर तेज धारदार हथियार के निशान भी मौजूद थे तथा हत्या का विरोध करने के कारण कई जगहों पर जख्म था। उस मकान में दो कमरे थे और दोनों में खून के निशान मौजूद थे। सामान भी अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ था। मकान के अंदर कई जले हुए सिगरेट, नमकीन के पैकेट और यत्र तत्र खून के निशान भी मौजूद थे। ज्ञात हो कि वीरेंद्र कुमार यादव उस मकान में 10- 12 साल से रह रहे थे। वह 1993 में एनडी कॉलेज में पदस्थापित किए गए तथा 2004 में उनकी नौकरी और रेगुलर हुई। वे मधेपुरा जिले के दमगारा गांव के निवासी थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि तेज धारदार हथियार से गला रेत कर उनकी हत्या की गई है। मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। वहीं एएनडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयशंकर प्रसाद ने बताया कि कॉलेज में कुछ विकास के लिए कार्य कराया जा रहा था। इस एवज में कॉलेज फंड से उन्होंने एक लाख राशि सेंट्रल बैंक से निकाली थी।