बेगूसराय जिलांतर्गत बछवाड़ा प्रखंड के बहरामपुर वार्ड 03 निवासी पन्ना लाल साहू के पुत्र अमित कुमार साहू के सुपुत्री संस्कृति के छट्ठी कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षक व संवर्धक ग्लोबल एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज लीडर सह बिहार का ट्रीबॉय कन्हैया पहुंचकर असीम हरित बधाई व शुभकामनाएं देते हुए बेटी संस्कृति के नाम से पौधरोपण किया!इसी दौरान महिलाओं और बुजुर्गों का जबरदस्त भीड़ जम गई!
पौधरोपण के पश्चात ट्रीबॉय कन्हैया ने हरित संदेश देते हुए कहा कि आपलोग भी अपने जन्मदिन, मुंडन, शादी या शादी के सालगिरह में पौधरोपण करना चाहिए! ट्रीबॉय कन्हैया अलग–अलग जिला और गांवों में जाकर अभी तक 150 से अधिक पौधरोपण कर चुके है! उक्त बात बताते हुए ट्रीबॉय कन्हैया ने ये भी कहा कि बेटी अभिशाप नहीं वरदान है! यदि बेटा जन्म लेता है तो खुश होते है कि मेरे घर में बेटा हुआ है और यदि बेटी जन्म लेती है तो मुंह लटका लेते है! यदि हम बेटा को पढ़ाते है तो एक शिक्षित होता है और वहीं बेटी को पढ़ाते है तो वो पूरा परिवार सहित समाज को शिक्षित करती है !इसलिए आप सभी लोग बेटी को बचाएं और बेटी को निश्चित रूप से पढ़ाए !हमलोग अपने जन्मदिन, शादी या शादी के सालगिरह पर विदेशी कल्चर को अपनाते हुए केक काटकर मनाते है! केक काटने से हमें ऑक्सीजन नहीं मिलती है! यदि हम केक काटने के बजाय पौधरोपण करते हैं तो हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित होगा ! साथ ही उस पौधे से फल, छाया और ऑक्सीजन भी प्राप्त होगा ! अंत में ट्रीबॉय कन्हैया ने सिंगल यूज प्लास्टिक को अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध का हरित आग्रह किया !
पौधरोपण के पश्चात ट्रीबॉय कन्हैया ने हरित संदेश देते हुए कहा कि आपलोग भी अपने जन्मदिन, मुंडन, शादी या शादी के सालगिरह में पौधरोपण करना चाहिए! ट्रीबॉय कन्हैया अलग–अलग जिला और गांवों में जाकर अभी तक 150 से अधिक पौधरोपण कर चुके है! उक्त बात बताते हुए ट्रीबॉय कन्हैया ने ये भी कहा कि बेटी अभिशाप नहीं वरदान है! यदि बेटा जन्म लेता है तो खुश होते है कि मेरे घर में बेटा हुआ है और यदि बेटी जन्म लेती है तो मुंह लटका लेते है! यदि हम बेटा को पढ़ाते है तो एक शिक्षित होता है और वहीं बेटी को पढ़ाते है तो वो पूरा परिवार सहित समाज को शिक्षित करती है !इसलिए आप सभी लोग बेटी को बचाएं और बेटी को निश्चित रूप से पढ़ाए !हमलोग अपने जन्मदिन, शादी या शादी के सालगिरह पर विदेशी कल्चर को अपनाते हुए केक काटकर मनाते है! केक काटने से हमें ऑक्सीजन नहीं मिलती है! यदि हम केक काटने के बजाय पौधरोपण करते हैं तो हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित होगा ! साथ ही उस पौधे से फल, छाया और ऑक्सीजन भी प्राप्त होगा ! अंत में ट्रीबॉय कन्हैया ने सिंगल यूज प्लास्टिक को अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध का हरित आग्रह किया !