रेलवे (Railway) स्टेशन पर खाने पीने की चीज बेचने के लिए महीने के ₹50000 में बिक जाते हैं प्लेटफार्म।

पूरे देश के लोग महंगाई की मार से परेशान हैं, अब रेलवे जंक्शन पर वेंडरों से भी बढ़ती मंहगाई का हवाला देते हुए हर महीने 50 हज़ार रुपये मांगे जा रहे हैं। जी हाँ ताजा मामला बिहार के कटिहार रेलवे जंक्शन का है जहां अब वेंडरों को रोटी-सब्जी और पानी बेचने के लिए 50 हज़ार रुपये हर महीने देने होंगे।कटिहार में रेल पुलिस का दामन एक बार फिर से शर्मसार होने के साथ ही रेलवे की खाकी वर्दी भी जांच के कठघरे में आ खड़ी हुई है।


पीड़ित वेंडर बिकाऊ साहनी का आरोप है कि रोटी-सब्जी और पानी बेचने वालो से बढ़ती महंगाई की मार बताकर 20 हजार रपये की वसूली को बढ़ाकर 50 हजार का रेट फिक्स कर दिया गया है। वेंडर बिकाऊ सहनी ने कहा कि पुलिसिया रेट कि बढ़ोतरी दो अवैध वेंडरों के ठेकेदारों के बीच दावेदारी पर किया गया है। कटिहार रेल पुलिस के बाबुओं ने अवैध वेंडरो के ठेकेदारों के कहने पर रेट में बढ़ोतरी की है। दो अवैध वेंडर ठेकेदारों के बीच ठेकेदारी को हुई झड़प के बाद मामले का सनसनी खेज खुलासा हुआ। पीड़ित वेंडर बिकाऊ साहनी की माने तो रेलवे में अवैध वेंडरों के ठेकेदार साधु राय की हर माह पुलिसिया किस्त 20 हजार से बढ़ाकर 50 हजार सिर्फ़ मेरे वजह से हुई है। हम चाहते थे कि अब मेरे द्वारा यह अवैध वेंडरों का कारोबार रेल पुलिस की मदद पर चलता रहा है ।

50 हज़ार रुपये महीने पर डील हुई थी फ़ाइनल हुई थी।बिकाऊ सहनी ने बताया कि वह अवैध वेंडरों की ठेकेदारी को लेकर रेल थाना के बड़ा बाबू और इंस्पेक्टर से बात की थी। 50 हज़ार रुपये हर महीने पर डील फ़ाइनल भी हो गई थी। साधु राय पहले हर महीने 20 हजार रुपये देता था। मैंने रेल पुलिस को 50 हज़ार रुपये महीना देने की बात फाइनल कर दी थी।लेकिन इसके बाद भी यह काम अवैध ठेकेदार साधु के पास ही रह गया और वह 20 की जगह 50 देने लगा। रेलवे पुलिस से डील करने की वजह से ही मुझे साधु राय के गुंडों ने पीटकर अधमरा कर दिया। उन्होंने कहा कि क़रीब 100 वेंडर रोज़ाना 60 रुपया साधु राय को देता है। फिलहाल वेंडर बिकाऊ साहनी का कटिहार सदर अस्पताल में इलाज जारी है। रेलवे पुलिस मामले की जांच में जुटी गई है। अवैध वेंडर मामले रेल पुलिस के कप्तान डॉ संजय भारती ने बताया कि बिकाऊ साहनी मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। क़रीब पिछले 25 सालों से कटिहार में बस गया है। रोटी को लेकर जो मामला प्रकाश में आया है उस पर रेल थाना क्षेत्र में मामला दर्ज नहीं हुआ हैइसके बावजूद मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। बहरहाल इस बाबत रेल पुलिस प्रशासन की तरफ़ से कितना ठोस कदम उठाया जाएगा या जांच के नाम पर बस फाइलों मे ही मुद्दा दब कर रह जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।



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