अभी तक जीएमसी जम्मू और श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में अलग से डेंगू के मरीजों के लिए वार्ड बनाए गए हैं और अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए भर्ती हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
जम्मू-कश्मीर में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभागों के दावों के विपरीत हर दिन रिकार्ड संख्या में मरीज आ रहे हैं। वीरवार को 232 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके साथ ही अब तक जम्मू-कश्मीर में 3849 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। हालांकि पिछले चौबीस घंटों में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं जीएमसी प्रशासन ने सभी से डेंगू की रोकथाम के लिए अपना सहयोग देने और लक्षण नजर आनेे पर तुरंत जांच करवाने को कहा।वीरवार को कुल 616 संदिग्ध मरीजों ने जांच करवाई। इनमें 232 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। पीड़ितों में 28 बच्चे भी शामिल है। अधिकांश मामले जम्मू जिले से ही आए हैं। 152 मामले जम्मू जिले और 62 मामले ऊधमपुर जिले में आए हैं। अन्य जिलों में बहुत कम मामले हैं। इसके साथ ही जम्मू जिले में अब तक सबसे अधिक 3245 मरीज डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं।वहीं ऊधमपुर जिले में दूसरे स्थान पर 169 और सांबा में 128 मामले हैं। इसके अतिरिक्त कठुआ में 57, रियासी 62, राजौरी में 38, पुंछ में 21, डोडा में 76, रामबन में 26, किश्तवाड़ में 11, कश्मीर में छह और अन्य प्रदेशों से 11 मरीज आए हैं। अभी तक डेंगू से पांच मरीजों की मौत हुई है। दो दिनों से कोई भी मौत नहीं हुई है। लेकिन गत तीन दिनों से अभी तक 584 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन ने भी लगातार बढ़ रहे मामलों पर चिंता जताते हुए सभी को अपना सहयोग देने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी तक जिन पांच मरीजों की मौत हुई है, वे भी जीएमसी जम्मू में रेफर होकर आए थे और इलाज करवाने के लिए आने में उन्होंने बहुत देर कर दी।
उन्होंने कहा कि अभी तक जीएमसी जम्मू और श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में अलग से डेंगू के मरीजों के लिए वार्ड बनाए गए हैं और अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए भर्ती हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। मगर अभी भी बहुत से मरीज भर्ती हैं। उन्होंने लोगों से अपने घरों में पानी को जमा न होने देने, पानी की टंकी को खुला न छोड़ने देना, वाटर कूलर से पानी को साफ करना, गमलों में पानी न भरने की सलाह दी। वहीं प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. राजीव कुमार ने कहा कि लोगों को इस समय पूरी वाजू की कमीज पहनने चाहिए। टांगों और वाजुओं को नंगा न छोड़े। डेंगू का मच्छर इन पर हमला करता है।