बदलते मौसम में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बुजुर्ग एवं बच्चों की हो सकती हैं तबियत खराब

फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करने में निमोनिया संक्रमण का अहम योगदान: सिविल सर्जन

उचित खान-पान निमोनिया से बचाव के लिए सबसे आसान तरीका: डीआईओ 

5 साल से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया का सबसे अधिक खतरा: डीपीएम 

कटिहार दिन में गर्मी और शाम ढलते ही ठंड का अहसास शुरू हो रहा है। क्योंकि इन दिनों तेज़ी के साथ मौसम बदल रहा है। जिस कारण किसी भी व्यक्ति की तबियत ख़राब हो सकती है। ऐसे समय में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बुजुर्ग एवं बच्चों में निमोनिया की शिकायत हो सकती हैं। सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा ने बताया कि निमोनिया एक संक्रामक रोग है, जो सबसे पहले एक या दोनों फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, बुखार, शरीर में दर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि इसके लिए सबसे पहले लक्षण दिखे जाने के साथ ही नजदीकी अस्पताल में जाकर चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन जरूरी है। खासकर हमारे नवजात शिशुओं, बच्चों एवं 60 आयुवर्ग से अधिक उम्र वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को निमोनिया संक्रमण का अधिक ख़तरा होता है।



उचित खान-पान निमोनिया से बचाव के लिए सबसे आसान तरीका: डीआईओ 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मनोज चौधरी ने बताया कि नियमित टीकाकरण में पीसीवी वैक्सीन को शामिल किया गया है। क्योंकि निमोनिया से बचाव एवं सुरक्षित रखने के लिए यह कारगर साबित होता है। जिसको तीन खुराकों में दिया जाता हैं। बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करने के साथ ही दो वर्ष से कम आयु के बच्चों और 2 से 5 साल के बच्चों को अलग-अलग निमोनिया के टीकों की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फ़ैल सकता है। इस समय व्यक्तिगत स्वच्छता, नियमित दिनचर्या और उचित खान पान निमोनिया से सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है।


5 साल से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया का सबसे अधिक खतरा: डीपीएम 

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध बताते हैं कि निमोनिया से ग्रसित होने का खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा है। पूरी दुनिया में होने वाली बच्चों की मृत्यु में 15 प्रतिशत बच्चों की मौत केवल निमोनिया जैसी बीमारियों की वजह से होती हैं। निमोनिया जैसी संक्रामक बीमारी शिशुओं के मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है। जिसका मुख्य कारण कुपोषण और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता को माना गया है। निमोनिया से बच्चों के ग्रसित होने की संभावना सर्दियों के मौसम में अधिक होती है। निमोनिया छींकने या खांसने से फ़ैलने वाला संक्रामक रोग है।

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