पत्रकारिता करने के लिए पत्रकारिता की शिक्षा अनिवार्य : कुलपति प्रो केजी सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रेस परिषद की उप समिति के सामने पत्रकारों, प्रोफेसरों, विद्यार्थियों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

सभी ने कहा, पत्रकार बनने के लिए पत्रकारिता की डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए

भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में भारतीय प्रेस परिषद की उप समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक दो सत्रों में आयोजित की गई।


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने उप समिति संयोजक प्रो जेएस राजपूत, श्री प्रकाश दुबे, श्री श्याम सिंह पवार एवं डॉ सुमन गुप्ता का स्वागत करते हुए कहा कि ये बहुत ही सौभाग्य कि बात है कि भारतीय प्रेस परिषद इस विषय के लिए हमारे विश्वविद्यालय को चुना। अपने सुझाव में उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए पत्रकारिता की पढ़ाई और डिग्री बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा की जिस तरह डॉक्टर एवं इंजीनियर के लिए उस विषय में योग्यता का पैमाना होता, परीक्षा होती है, उसी तरह पत्रकारिता के लिए भी यह बहुत जरुरी है। 


उप समिति के सामने, पत्रकारों, प्रोफेसर्स, विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। ज्यादातर लोगों का यह कहना था की पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले व्यक्ति के पास पत्रकारिता की डिग्री,डिप्लोमा या प्रमाण पत्र होना अति आवश्यक है । ग्रामीण क्षेत्रों में भी पत्रकारों की शैक्षणिक योग्यता 12 वीं में डिप्लोमा होने का सुझाव भी आया । शहरी क्षेत्रों के लिए स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री होने का सुझाव भी आया। डिग्री वाले पत्रकारों को ही आरएनआई मिले,यह भी सुझाव दिया गया एवं आरएनआई के फॉर्म में पत्रकारिता की डिग्री का कॉलम होने की भी बात कही गई। सुझावों में पत्रकारिता में प्रशिक्षण एवं ट्रेनिंग की भी आवश्यकता जताई गई । सुझाव दिया कि पत्रकार बनने के लिए पत्रकारिता में स्नातक होना चाहिए, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि डिप्लोमा होना चाहिए। इसमें इंटर्नशिप भी अनिवार्य रूप किए जाने का भी सुझाव आया। पत्रकारिता में प्रमाण पत्र एवं प्रशिक्षण के भी सुझाव दिए गए।


अधिमान्यता के लिए भी पत्रकारिता की डिग्री को जरुरी बताया गया। अंशकालिक पत्रकारिता एवं पूर्णकालिक पत्रकारिता के भी सुझाव आए। पत्रकारिता के लिए पत्रकारिता की डिग्री, डिप्लोमा सर्टिफिकेट और प्रशिक्षण भी होना चाहिए, ये भी सुझाव दिए गए। राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता के लिए एक चयन परीक्षा भी आयोजित किए जाने का सुझाव आया। हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी एवं कॉलेज में भी पत्रकारिता की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर सुझाव आए। इसके साथ ही पत्रकारिता के लिए कम से कम 2 से 4 माह का प्रशिक्षण भी आवश्यक हो, ऐसा सुझाव आया। यूपीएससी में भी पत्रकारिता को शामिल किये जाने का सुझाव दिया गया। मीडिया में शिक्षा व साक्षरता को लेकर मीडिया साक्षरता मिशन पर भी सुझाव दिए गए। साथ ही इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल किए जाने का सुझाव आया। पत्रकारिता से संबंधित विभिन्न विभागों और अन्य माध्यमों की चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया में पत्रकारिता में डिग्री, डिप्लोमा को अनिवार्य रुप से शामिल किये जाने को लेकर भी सुझाव दिए गए। शॉर्ट टर्म कोर्स के रूप में भी पत्रकारिता में शामिल किए जाने का सुझाव दिया गया। राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता के लिए कार्यशाला आयोजित करने के भी सुझाव बैठक में दिए गए । सब कमेटी द्वारा दो सत्रों में सुझाव लिए गए। पहला सत्र में पत्रकारों से सुझाव लिए गए एवं द्वितीय सत्र में मीडिया प्राध्यापकों एवं मीडिया के विद्यार्थियों से सुझाव लिए गए। प्रथम सत्र का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ राखी तिवारी ने किया एवं द्वितीय सत्र का संचालन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभागाध्यक्ष डॉ श्रीकांत सिंह ने किया। 

दूसरे सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो संदीप शास्त्री उपस्थित रहे l

अंत में आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेई द्वारा किया गया।

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