पीसी शर्मा के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल, रवि परमार के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
छात्र नेता के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की बढ़ सकती है मुश्किलें, भोपाल पुलिस कमिश्नर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरने पर बैठे रवि परमार को गिरफ्तार कर ले गई थी पुलिस, टीटी नगर थाने में बुरी तरह पीटा, छात्र नेता ने खटखटाया मानवाधिकार आयोग का दरवाजा, भोपाल पुलिस कमिश्नर से भी की शिकायत
भोपाल - राजधानी भोपाल में शांतिपूर्ण सत्याग्रह पर बैठे छात्र नेता रवि परमार के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। पीसी शर्मा के नेतृत्व में पहुंचे कांग्रेस डेलिगेशन से मुलाकात के दौरान पुलिस कमिश्नर ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उधर पीड़ित छात्र नेता रवि परमार ने न्याय के लिए मामला मानवाधिकार आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है।
दरअसल, शुक्रवार देर शाम पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर के पास पहुंचा। पीसी शर्मा के अलावा कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान, पार्षद मोनू सक्सेना, युवा कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी, एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे मौजूद थे। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने रवि परमार के साथ हुई मारपीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने स्वीकारा की शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता को हथकड़ी पहनाकर ले जाना गलत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आश्वासन दिया है कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उधर सेंट्रल जेल से जमानत पर बाहर आते ही छात्र नेता रवि परमार ने भोपाल पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की है। परमार ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आयोग के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है। वहीं आशंका जाहिर करते हुए कहा कि मंत्री सारंग के इशारे पर पुलिस उन्हें दूसरे मुकदमों में फंसाने का षड्यंत्र रच सकती है।
दरअसल, एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। रवि परमार बुधवार को नर्सिंग घोटाले की जांच व अन्य मांगों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। यहीं से टीटी नगर पुलिस ने बलपूर्वक उठा ले गई थी। हालांकि, घटना के अगले दिन परमार को पुलिस उपायुक्त कोर्ट से जमानत मिल गई।
जमानत पर सेंट्रल जेल से बाहर आए रवि परमार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परमार ने बताया कि टीटी नगर थाने के एक कमरे में पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा। उन्होंने इसके पीछे चिकित्सा शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि विश्वास सारंग के निर्देशों पर पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ बर्बरता की। परमार ने इस संबंध में मानवाधिकार आयोग को शिकायती ज्ञापन देकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को संबोधित आवेदन में परमार ने बताया कि 1 फरवरी को मंत्री सारंग के बंगले से चारपहिया वाहन में बिठाकर पुलिस उन्हें पीटते हुए टीटी नगर थाने ले गई। जबकि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। परमार के मुताबिक पुलिस के पास किसी व्यक्ति का फोन आया जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने भद्दी गालियां देते हुए उन्हें पीटना प्रारंभ कर दिया।
परमार ने बताया कि पुलिसकर्मी आपस में बात कर रहे थे कि इसे ऐसा सबक सिखाओ कि ये भैया के बंगले के बहार दुबारा भटकने की भी हिम्मत ना करे। इसके बाद उन्हें कहा कि बता अब कौन सा कमलनाथ और दिग्विजय तुझे बचाने आ रहा है। इसके बाद उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। साथ ही जिला बदर की कार्रवाई की धमकी भी दी। परमार ने कहा कि पुलिस थाने का सीसीटीवी चेक किया जाए ताकि मेरे साथ थाने में किस तरह प्रताड़ना हुई वो सामने आ सके।
परमार ने शिकायती आवेदन में लिखा है कि पुलिस जेल भेजने के लिए आगे भी मेरे ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज कर सकती है। चूंकि नर्सिंग कालेज का व्यापम से भी बड़ा घोटाला है। जिसे दबाने के लिए मुझे षड्यंत्र के तहत फंसाया जा सकता है और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मुझे जान की भी खतरा है। बहरहाल, अब देखना ये होगा कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मानवाधिकार आयोग और कमिश्नर मकरंद देउस्कर क्या कार्रवाई करते हैं।