भोपाल में परीक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे नर्सिंग स्टूडेंट्स,तीन सालों से नर्सिंग छात्र छात्राओं की नहीं हुई परीक्षा, एनएसयूआई ने किया बड़ा प्रदर्शन

भोपाल - मध्य प्रदेश में मेडिकल विश्वविद्यालय और नर्सिंग काउंसिल की लापरवाही की सजा भुगत रहे मध्यप्रदेश हजारों नर्सिंग छात्र छात्राएं अब आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या नर्सिंग स्टूडेंट्स राजधानी भोपाल के सड़कों पर उतरे। यहां वो शिवाजी नगर से राजभवन तक पैदल मार्च निकालना चाह रहे थे लेकिन, पुलिस ने बलप्रयोग कर स्टूडेंट्स को रास्ते में ही रोक दिया।

एनएसयूआई नेता रवि परमार के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में नर्सिंग स्टूडेंट्स शिवाजी नगर चौराहे पर इकट्ठा हुए नर्सिंग छात्रों का हुजूम नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर निकला ही की रास्ते में पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। मौके पर तीन थानों के सैंकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद थे। इस दौरान पुलिस प्रशासन और नर्सिंग स्टूडेंट्स के बीच झुमाझटकी भी हुई। नर्सिंग छात्र छात्राओं ने एसडीएम और तहसीलदार के आश्वासन को दरकिनार कर उन्हें उल्टे पैर लौटाया।



एसडीएम और तहसीलदार प्रदर्शनकारियों से कह रहे थे कि उन्हें ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप दी जाए। हालांकि, छात्र इस बात पर अड़े रहे की वे राज्यपाल से मिलकर उन्हें ही ज्ञापन सौंपेंगे। हालांकि, प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुई। ऐसे में राजधानी के शिवाजी नगर में करीब 5 घंटे तक नर्सिंग छात्र छात्राएं राजभवन जाने की जिद पर अडे़ रहे। पांच घंटे बाद पुलिस ने बलप्रयोग कर उन्हें धरने से उठाया। इस दौरान शिवाजी स्क्वायर पर आवागमन बाधित भी हुई। 


दरअसल, नर्सिंग में स्टूडेंट्स ने आल 2020 में नर्सिंग में एडमिशन लिया था। लेकिन मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से फरवरी 2023 तक भी परीक्षाएं नहीं हो सकी। ऐसे में पिछले तीन वर्षों से ये स्टूडेंट्स फर्स्ट ईयर में ही हैं। जब 1 फरवरी 2023 को सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राएं अपनी परीक्षा की मांग को लेकर छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर प्रदर्शन करने गये थे लेकिन उसके बाद पुलिस प्रशासन ने रवि परमार को हथकड़ी लगा कर जेल भेज दिया था।


हालाकि कांग्रेस के बड़े नेताओं के विरोध के बाद अगले दिन जमानत भी दे दी गई थी। उसके बाद 27 फरवरी को इस संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने 2020-21 सत्र की बीएससी (नर्सिंग) और पोस्ट बेसिक बीएससी परीक्षा पर अंतरिम रोक लगा दी और यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया था। उसके बाद 2019-20 सत्र के छात्र छात्राओं की तृतीय वर्ष की परीक्षा पर भी रोक लगा दी गई इसके बाद से अबतक रोक बरकरार हैं। 


नर्सिंग स्टूडेंट्स के दल का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं। जिन छात्र छात्राओं का 2 साल का कोर्स ( पोस्ट बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग) था, वह तीन साल बाद भी प्रथम वर्ष में ही हैं। यही हाल 4 साल के कोर्स ( बीएससी नर्सिंग ) वाले स्टूडेंट्स का है 3 साल बीतने के बाद भी उनकी प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई छात्र-छात्राएं मानसिक रूप से परेशान हैं। उन्हें चिंता है कि उनकी डिग्री कब मिलेगी? उन्हें गलत कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसे में अगर कोई भी छात्र आत्मघाती कदम उठाता हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।


रवि परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम से भी बड़ा नर्सिंग फर्जीवाड़ा हुआ हैं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और कई बड़े अधिकारी सीधे तौर पर संलिप्त हैं इतना ही नहीं फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए लाखों रूपयों का लेन-देन किया जाता है नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले में मंत्री विश्वास सारंग के कर्मचारी और उनके सहयोगियों ने करोड़ों रुपए की उगाही की है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।


परमार ने हाईकोर्ट द्वारा परिक्षाओं पर रोक लगाने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम माननीय उच्च न्यायालय से आग्रह करते हैं कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए परिक्षा पर रोक लगाना हल नहीं है, क्योंकि सैंकड़ों स्टूडेंट्स का सवाल है शिक्षा माफियाओं की गलती का सजा बच्चों को क्यों मिले? बच्चे इस तरह कबतक पिसते रहेंगे? परमार ने ये भी कहा कि कोर्ट ने तो फरवरी से परिक्षाओं पर रोक लगाया है, उसके पहले ढाई साल से सरकार क्यों नहीं परिक्षाएं आयोजित कर रही थी। इस मामले में सीधे तौर पर सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जो उचित नहीं है।


राजभवन मार्च से रोके जाने को लेकर परमार ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। सरकार के इशारे पर पुलिस हमें अवैध तरीके से रोक रही है हम राज्यपाल से मिलकर हम उन्हें छात्रों की पीड़ा से अवगत कराना चाहते हैं लेकिन सरकार तानशाही पर उतर आई है। ये नर्सिंग स्टूडेंट्स के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हम भाजपा सरकार को बताना चाहते हैं कि चार महीने में चुनाव है, और नर्सिंग स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ आपने जो खिलवाड़ किया है उसका सजा आपको भुगतना पड़ेगा ।


इस मौके पर राजवीर सिंह सिध्दांत आचार्य लक्की चौबे ईश्वर चौहान विराज यादव जितेंद्र विश्वकर्मा मयंक शिवहरे तनय अग्रवाल अनिकेत पटेल लखन ठाकुर और सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राएं मौजूद थे ।

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