पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप के बाद नर्सिंग के योग्य अभ्यर्थियों को मिला न्याय

दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप के बाद एक्शन में सरकार, योग्य अभ्यर्थियों को मिलेगा नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला

NSUI ने कहा: छात्र-छात्राओं की बढ़ी जीत, योग्य अभ्यर्थियों को मिलेगा प्रवेश

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने अधिकारियों दिए त्वरित समाधान के निर्देश

भोपाल - नर्सिंग के छात्र-छात्राओं की एडमिशन की समस्या को लेकर NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने मंगलवार को सतपुड़ा भवन पहुंचकर विरोध दर्ज कराया था। साथ ही , छात्रों की समस्या को पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के समक्ष रखा था। उन्होंने छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और समाधान का आश्वासन दिया था।


दिग्विजय सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया में आई विसंगतियों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। इसके परिणामस्वरूप, आज उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लिया।


उप मुख्यमंत्री ने दिए त्वरित समाधान के निर्देश

उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में 12वीं में हिंदी विषय न पढ़ने वाले छात्रों के चयन में आई विसंगतियों को इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मानकों के अनुरूप हल किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि योग्य अभ्यर्थियों को समय पर प्रवेश मिलना सुनिश्चित किया जाए, ताकि उनके भविष्य पर कोई संकट न आए।




NSUI ने कहा: छात्र छात्राओं का संघर्ष रंग लाया

NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा, "यह सभी छात्रों की जीत है। NSUI हमेशा छात्रों के हक के लिए लड़ती आई है और आगे भी छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह निर्णय उन सैकड़ों छात्रों के लिए राहत है, जिनका भविष्य अधर में लटका हुआ था।"



रवि परमार ने कहा कि छात्रों के 12वीं में हिंदी विषय न होने की वजह से प्रवेश प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा था, जबकि यह नियम इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मानकों के खिलाफ है। परमार ने कहा कि यह संघर्ष एक बड़ी सफलता है और यदि भविष्य में भी छात्रों के साथ अन्याय होगा , तो संगठन पूरी ताकत के साथ उनका समर्थन करेगा।



बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा था कि मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग का यह अजीब निर्णय है। चयनित छात्रों के रजिस्ट्रेशन निरस्त इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि उन्होंनें अंग्रेजी मीडियम से शिक्षा ली है। जब की केंद्रीय नर्सिंग कौंसिल के नियमों में अंग्रेजी मीडियम की बाध्यता है। 


मोहन यादव जी यह आपको बदनाम करने का क्या षड्यंत्र है? आपके गुरु जेपी नड्डा जी केंद्रीय मंत्री कहते हैं अंग्रेज़ी मीडियम से पढ़ो आप कहते हैं हिंदी मीडियम से पढ़ो!! इन बच्चों के भविष्य को आप क्यों बिगाड़ रहे हैं? आपकी सरकार ने जो नियम बनाये है वे भी आप 24/12/2024 को प्रकाशित कर रहे हैं जब की नतीजे उसके पहले आ गए। क्या यह केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कुछ परभावशाली लोगों के बच्चों का चयन नहीं हुआ? क्या यह सही है?' 




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