मध्य प्रदेश से प्रखर श्रीवास्तव की रिर्पोट
आज कल मौसम अपना रंग बदल रहा है,ठंडी भी बढ़ गई है,लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। इन सब को देखते हुए हमें अपनी सेहत का भी ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
जब बात सेहत की हुई है तो खाने की बात न हो ये तो हो ही नहीं सकता,आज के समय में जब हम देखते हैं कि कोई विद्यार्थी हॉस्टल या स्कूल कैंटीन में खाना खाता है तो उम्मीद करता है उसे संतुलित और पौष्टिक आहार मिलेगा। सुंदर , स्वच्छ और शान्त वातावरण मिलेगा। जबकि हॉस्टल या स्कूल कैंटीन में खाना होता ठीक इसके विपरीत है । जो हम उम्मीद करते हैं उसको तो मार दिया जाता है,l जिसमें न तो संतुलित भोजन मिलता है ना साफ सफाई का ध्यान रखा जाता है , जिससे विद्यार्थी का स्वास्थ खराब हो जाता है वह अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार महसूस करता है। हॉस्टल या स्कूल कैंटीन में भोजन सही न होने से छात्रों के बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं ,साथ ही मौसम बदलने से ज्यादा तबियत बिगड़ जाती है,और स्वस्थ होना बहुत ही दुर्लभ हो जाता है, तो हम सभी छात्रों की जिला पदाधिकारी से गुज़ारिश है कि जितने हॉस्टल और स्कूल कैंटीन हैं उनकी समय-समय पर जांच हो और कड़ी कार्यवाही हो ,जिससे छात्रों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से पर्दा उठ सके और उनको संतुलित और पूर्ण पौष्टिक खाना उपलब्ध हो सके । धन्यवाद ।