भोपाल के अंबेडकर पार्क में मनाई गई कर्पूरी ठाकुर की जयंती

आज भोपाल के अंबेडकर पार्क में कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह का आयोजन किया गया जिसमें पूरे प्रदेश से सेन समाज के लोग भारी जनसंख्या के साथ उपस्थित रहे इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मऊगंज से पूर्व विधायक डॉ. आई.एम.पी. वर्मा ,वा राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश सचिव शोभनाथ सेन,उमेश सेन, वा अन्य सभी सेन समाज के लोग उपस्थित रहे।


शोभनाथ सेन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की कर्पूरी ठाकुर जी ही देश में एक ऐसे व्यक्ति हुए जो सभी वर्गो को साथ में लेकर आगे बढ़ने का कार्य किया।कर्पूरी ठाकुर की सादगी और ईमानदारी के कई किस्से है। स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर 1952 से लगातार दशकों तक विधायक रहे पर अपने लिए उन्होंने कहीं एक मकान तक नहीं बनवाया। उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा उनके पैतृक गांव में पुश्तैनी झोपड़ी देख कर रो पड़े थे।कर्पूरी ठाकुर को गरीबों का मसीहा माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर बेहद गरीब परिवार से आते थे। दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे। शोभनाथ जीने बताया कि उनके बारे में कहा जाता है कि सत्ता मिलने के बावजूद उन्होंने कभी भी उसका दुरुपयोग नहीं किया। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में आपको सुनने को मिलते हैं।

 क्रर्पूरी ठाकुर से जुड़े कुछ लोग बताते हैं कि कर्पूरी ठाकुर जब राज्य के मुख्यमंत्री थे तो रिश्ते में उनके एक बहनोई उनके पास नौकरी के लिए गए। उन्होंने मुख्यमंत्री साले से नौकरी के लिए सिफारिश लगवाने कहा। बहनोई की बात सुनकर कर्पूरी ठाकुर गंभीर हो गए। उन्होंने अपनी जेब से पचास रुपये निकालकर उन्हें दिए और कहा कि जाइए और एक उस्तरा आदि खरीद लीजिए। अपना पुश्तैनी धंधा आरंभ कीजिए।कर्पूरी ठाकुर की सादगी और ईमानदारी का ये एकमात्र किस्सा नहीं है। मौजूदा वक्त में नेता सत्ता मिलते ही अपने और परिवार के लिए धन-संपत्ति जुटाने के लिए नए-नए तरकीब ढूंढने लगता है। वहीं, स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर 1952 से लगातार दशकों तक विधायक रहे, पर अपने लिए उन्होंने कहीं एक मकान तक नहीं बनवाया।कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा समस्तीपुर स्थित उनके गांव पितौंझिया गए तो पुश्तैनी झोपड़ी देख कर रो पड़े थे।

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