दिल्ली के जंतर मंतर से संसद भवन मार्ग पर गूंजा पूर्णियां एयरपोर्ट की मांग

पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए दिल्ली में जंतर मंतर पर एम एस यू पूर्णिया प्रभारी अविनाश मिश्र जी के नेतृत्व में मिथिला स्टूडेंट यूनियन का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन सह पैदल मार्च सफलता पूर्वक पूर्ण हुआ। जंतर मंतर पर एम एस यू के इस आयोजन में पूर्णिया, कटिहार, अररिया, सहरसा समेत दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर सहित अन्य अनेक जिलों के एम एस यू पदाधिकारी सहित आम जनों ने हिस्सा लिया। 



विदित हो की विगत 8 सालों से पूर्णिया एयरपोर्ट से हवाई सेवा का इंतजार लोग कर रहे हैं। दरभंगा एयरपोर्ट की तरह पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण भी आजादी से पहले हुआ था और यह एयरपोर्ट उस समय सक्रिय भी था। उड़ान योजना के तहत पूर्णिया और दरभंगा दोनो एयरपोर्ट का चयन एकसाथ किया गया लेकिन दुर्भाग्यवश पूर्णियां एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य अभी तक अधर में लटका हुआ है। कारण सिर्फ इतना रहा की दरभंगा के तरह इस मामले में जनता जागरूक होकर एकजुट दवाब नहीं बना सकी। 


पूर्णिया एयरपोर्ट क्षेत्र की जरूरत है। जरूरी है की इसके लिए लोग जुटें और आवाज उठाएं। आगे आने वाले वक्त में हम इस मांग पर संघर्ष करने जा रहे हैं, जरूरत है की क्षेत्र की जनता एकजुट होकर इस मांग की आवाज बुलंद करे।


पूर्णिया आसपास के सांसद विधायक अपने अपने राजनीतिक दलों के गुलाम बन गए हैं और केवल अपने दलों के निर्देशों का पालन करते हैं। क्षेत्र और मुद्दे से उनका कोई सरोकार नहीं है। जब जनता आवाज उठाती है तो फोटो सेशन के लिए वो मंत्री से मिलने चले जाते हैं और फिर पुनः एक साल तक सो जाते हैं। 2022 के फरवरी में अविनाश मिश्र जी के नेतृत्व में एम एस यू सेनानी पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 13 फरवरी से 17 फरवरी तक अनशन पर थे। अनशन के तीसरे दिन माननीयों का नींद टूटा और सब मिलकर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से मिलने गए। पिछले एक साल में जब ये नेता गण सोए रहे तो अविनाश एंड एम एस यू टीम ने विभिन्न माध्यमों से पूर्णिया के लोगों को एकजुट करने और जगाने का प्रयास जारी रक्खा।

जिसका परिणाम है की आज पूर्णियां मांगे एयरपोर्ट मुहिम के साथ स्थानीय सैकड़ों संगठन का समर्थन प्राप्त हुआ है।


 संयोग देखिए, अविनाश ने एक सप्ताह पहले 19 मार्च को पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए जंतर मंतर दिल्ली पर MSU का धरना घोषित किया, तैयारी के लिए दिल्ली आए। और पुनः पूर्णिया आसपास के सांसद, विधायक पूर्णिया एयरपोर्ट के नाम पर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से मिलने गए हैं।


पुर्णिया एयरपोर्ट के बनने से क्षेत्र के 10 जिलों के करीब 3 करोड़ कवरिंग जनसँख्या इससे प्रभावित होगा, जिसमे से करीब 30 लाख लोग मेट्रो सिटीज में प्रवासित हैं और हर साल अपने गाँव-घर जरूर आते हैं। एयरपोर्ट शुरू होने से क्षेत्र में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। एकबार बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होने के बाद क्षेत्र में निवेशकों के आने का चांस बढ़ेगा, नए इंडस्ट्री लग सकते हैं और रोजगार बढ़ेगा. आज अगर कोई स्थानीय व्यक्ति भी अपने क्षेत्र में इन्वेस्ट करना चाहे तो कैसे करेगा ? मान लीजिये की वो शहर में है और उसके पास पूंजी है लगाने के लिए, लेकिन क्या कोई ऐसी जगह अपनी पूंजी लगाना चाहेगा जहाँ जाने-आने में ही उसे 3-4 दिन लग जाए ? एकबार क्षेत्र में यदि एयरपोर्ट होगा तो सर्विस इंडस्ट्री, सॉफ्टवेयर एंड टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री, एजुकेशन इंडस्ट्री को वहां पहुँचने में दिक्कत नहीं होगी चूँकि आवागमन सुगमता से होगी। यदि निवेशकों को आने-जाने की सुगमता हो तो क्षेत्र में चीनी मिल, डेयरी-मत्स्य और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आसानी से लगाए जा सकते हैं और निवेश बढ़ेगा. 


पुर्णिया एयरपोर्ट अपने भौगौलिक स्थिति के कारण शानदार इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने की स्थिति रखता है। दुनिया भर से नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन आने वाले फ्लाइट्स और यूरोप एंड साउथ-ईस्ट एशिया से नार्थ-वेस्ट एशिया (इंडोनेशिया, हिंदेशिया, वियतनाम, कम्बोडिया, थाईलैंड आदि) जाने वाली अधिकाँश फ्लाइट्स के लिए ये एक स्टे पॉइंट बन सकता है। देश के सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से भी पूर्णिया एयरपोर्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. आसपास इतने पड़ोसी देशों के होने के कारण पूर्णिया एयरपोर्ट के बनने से आपात-काल में देश के सेनाओं के आसान आवागमन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.  


क्षेत्र के आर्थिक-सामजिक-राजनितिक पुनरुत्थान में पूर्णिया एयरपोर्ट का खुलना एक मील का पत्थर होगा पर सालों से सरकारों ने इसे इग्नोर किया है. न केवल इग्नोर किया है बल्कि इसे एक मजाक बना दिया है. लोग टकटकी लगाकर सम्बंधित खबरों का इन्तजार करते हैं, नेता लोग ज्ञापन-भेंट-भाँट-चिट्ठी से खबर-क्रेडिट ले लेते हैं और स्थिति ये है की अबतक सब अधर में अटका हुआ है।


इस कार्यक्रम धीरू मिश्र, चरणजीत झा, जे पी झा,रंजीत झा,संजीव कुमार,राम कुमार, सोनू कुमार,राम झा,गणेश झा, समेत सैकड़ों संगठन व मिथिला वासी सामिल हुए।

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