प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेट द्वारका मंदिर में पूजा अर्चना कर सबसे लंबे केबल ब्रिज 'सुदर्शन सेतु' का किया लोकार्पण।

PM मोदी अपने गृह राज्य गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने रविवार सुबह बेट द्वारका मंदिर में पूजा अर्चना की इसके बाद ओखा मुख्य भूमि को बेयट द्वारका द्वीप से जोड़ने वाले पुल ‘सुदर्शन सेतु’ का भी उद्घाटन किया. लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 2.32 किमी लंबा केबल-आधारित पुल देश में सबसे लंबा है।


दरअसल पीएम मोदी की इस गुजरात यात्रा का लक्ष्य देशभर में स्वास्थ्य, ऊर्जा और पर्यटन के साथ साथ बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में 52,250 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करना है।



सौराष्ट्र में पानी का दूर किया संकट

प्रधानमंत्री ने कहा की हमने वो दिन देखें हैं जब सौराष्ट के लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे थे। तब हमें नदियों का पानी सौराष्ट्र और कच्छ लाया। कांग्रेस ने मेरी आलोचना की, लेकिन आज सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना से सौराष्ट्र की कायापलट कर दी है। 1300 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई, जो इतनी चौड़ी है कि इससे कार भी गुजर सकती है। सैंकड़ों गांवों के पास अब पानी है।'

वही प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा की, जब आपने मुझे दिल्ली भेजा तो मैंने वादा किया था कि देश को और लुटने नहीं दूंगा। कांग्रेस के समय हुए हजारों करोड़ के घोटालों पर रोक लगी। बीते 10 वर्षों में देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पूरे देश में निर्माण कार्य हो रहे हैं। 


Pm मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा 'जब मैंने नया भारत बनाने की गारंटी दी तो विपक्ष मुझे गाली देने लगा और इसे नकार दिया। आज सभी लोग नए भारत को अपनी आंखों के सामने बनते देख रहे हैं। जिन्होंने लंबे समय से देश पर राज किया, उनके पास इच्छा शक्ति ही नहीं थी, उनकी सोच सिर्फ आम जनता को बातें सुनाने की ही थी। कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार को समृद्ध किया। उनकी सारी सोच सिर्फ पांच साल के लिए सरकार बनाने और घोटालों को छिपाने तक सीमित थी। 2014 से पहले वे भारत को 11वीं अर्थव्यवस्था बना पाए। जिस बजट से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होना चाहिए था, उसे घोटालों के जरिए लूटा गया। कांग्रेस ने 2जी घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, हेलीकॉप्टर घोटाला, सबमरीन घोटाला किया। 

साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने आज द्वारकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना की और वहां द्वारका शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज का आशीर्वाद भी लिया।

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