इस गलती के कारण किसान कर रहे खेत और फसलों को बर्बाद,जानिए यूरिया खेतो लिए है कितना खतरनाक!


यूरिया एक कार्बनिक पदार्थ है। इसमें कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन होते हैं जो रंगहीन, गंधहीन ठोस, पानी में अत्यधिक घुलनशील और व्यावहारिक रूप से गैर-विषाक्त है । यह पूर्णत: पानी में घुलनशील है इसलिए फसलों को लिए नाइट्रोजन आसानी से उपलब्ध होता है । इसमें 46.0% नाइट्रोजन सहित एक उच्च संकेंद्रित ठोस उर्वरक है जो नरम रूप में होती है फिर अमोनिया के रूप में परिवर्तित हो जाती है और मिट्टी कोलायड्स द्वारा लंबी अवधि तक पुन: प्राप्त की जाती है। पानी में घुलने पर, यह न तो अम्लीय होता है और न ही क्षारीय।
यूरिया का व्यापक रूप से उर्वरकों में नाइट्रोजन के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है और यह रासायनिक उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। यह स्तनधारी और सरीसृप प्राणियों के मूत्र में पाया जाता है। खेतो में यूरिया का नाइट्रोजनयुक्त रासायनिक खाद के रूप में भी उपयोग होता है।
किसान यूरिया आदर्शत: में सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त है और फोलर स्प्रे जो कि झटपट नाइट्रोजन की कमी को दूर करता है । किसान यूरिया फसलों पर अपना ठोस एवं लंबा प्रभाव छोड़ता है और परिणामस्वरूप अच्छी फसल होती है । किसान यूरिया में विद्यमान कार्बोनिक एसिड अन्य न्यूट्रेंट्स जैसे कि फास्फेट एवं पुटाश को फसल की जड़ों के द्वारा शोषित करने में सहायक होती है ।
यूरिया का उपयोग मुख्य रूप से कृषि, रेजिन, प्रयोगशाला, मेडिकल, विविध, विस्फोटकों, ऑटोमोबाइल सिस्टम में किया जाता है।
हर फसल को वृद्धि करने मै मिट्टी से पोसक् तत्व की आवश्यकता होती है। और उन मै से एक नाइट्रोजन की भी पौधे को आधिक से अधिक जरूरत होती ही है। और हम नाइट्रोजन की कमी को पुरा करने के लिए यूरिया का एस्तेमाल करते हैं। यूरिया मै 46% नाइट्रोजन पाया जाता हैं। आसान शब्दों मै कहा जाए तो हर अलग फसल अपने अनुसार नाइट्रोजन का प्रयोग करती हैं। परन्तु एक सामान्यतर आकड़े देखे जाए तो 1 बीघा में 16 या 17 किलोग्राम यूरिया की आवश्यकता होतीं हैं।

आईये अब जानते है यूरिया के फायदे और नुकसान

यूरिया खाद को पौधे मै डालने से पौधे की वृद्धि तेजी से होती है, पौधों मै रंग भी आता है और पीलापन छटने लगता हैं और हारापन आता है। और साथ ही फल मै भी काफी अच्छा प्रभाव होता है इससे फल का आकर पहले की तुलना में काफी बढा होता है। यूरिया खाद पौधे मे नाट्रोजन की कमी को भी पुरा करता है। और फसल को दो गुना बढ़ता है और पौधे मै नई पतियों का विकास करता है। यूरिया पौधे मै मिठास भी लाता हैं।

यूरिया का फसल पे कुछ अधिक उपयोग के कारण पर्यावरण प्रदूषित होता है। यदि हम बुआई के समय DAP तथा अन्य खाद दे रहे है तो यूरिया को न देवे। फसल पकते समय यूरिया न देव नही तो फसल मै भारी नुकसान हो सकता है।

भारत में यूरिया के 90% से अधिक औद्योगिक उत्पादन नाइट्रोजन मुक्त करने वाले उर्वरक के रूप में उपयोग के लिए नियत है। सामान्य उपयोग में आने वाले सभी ठोस नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों की तुलना में यूरिया में नाइट्रोजन की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसलिए, नाइट्रोजन पोषक तत्व की प्रति यूनिट इसकी परिवहन लागत कम है। कुछ मिट्टी में, नाइट्रेट देने के लिए बैक्टीरिया द्वारा अमोनियम का ऑक्सीकरण किया जाता है, जो एक पौधे पोषक तत्व भी है। वायुमंडल के लिए नाइट्रोजनयुक्त यौगिक पर्यावरणीय रूप से हानिकारक है। इस कारण से, यूरिया को कभी-कभी इसके कृषि उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए ढोंग या संशोधित किया जाता है। ऐसी ही एक तकनीक है नियंत्रित-रिलीज़ उर्वरक, जिसमें एक निष्क्रिय सीलेंट में यूरिया समाहित होता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !