नेशन संवाद संवाददाता हसनगंज
सोहराय गीत व मांदर के थाप नृत्य करते लोग।
हसनगंज. प्रखंड के जगरनाथपुर पंचायत अंतर्गत बघुवाकोल गांव में बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ आदिवासी समुदाय के लोग सोहराय पर्व मना रहे हैं
दिपावली के दुसरे दिन से ही सोहराय पर्व शुरु हो जाता है. छह दिनों तक चलने वाले इस पर्व का संबंध सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़ा हुआ है. जनजातीय समाज इस पर्व को उत्सव की तरह मनाते हैं. इसी दौरान बघुवाकोल गांव में आदिवासी समाज के लोग टोली बनाकर केले की थाम से स्थान सजाकर नई फसल के रूप में धान से तैयार पदार्थ को पूजते हुए परंपरागत तरीके से बच्चे बूढ़े औरत सभी नृत्य पेश करते हुए बड़े हर्षोल्लास के साथ सोहराय पर्व मनाया. मौके पर जगरनाथपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि हृदय नारायण उरांव ने बताया कि इस पर्व में प्रकृति की पूजा की जाती है. सोहराय पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. यह प्रकृति व पशु पक्षियों के प्रति श्रद्धा व देवी-देवताओं के प्रति विश्वास का पर्व है. सोहराय पर्व के मौके पर बहन मायके आती है और अपने परिवार के साथ सोहराय पर्व की खुशियां मनाती है. पर्व के दौरान सभी मांदर की थाप पर अपने परंपरागत गीत गाते हुए झूमते नजर आए।