समस्तीपुर जिलांतर्गत विभूतिपुर प्रखंड के विभूतिपुर पूरव निवासी पर्यावरण संरक्षक व संवर्धक ग्लोबल एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज लीडर बिहार का ट्रीबॉय कन्हैया तिरंगा का सम्मान के लिए गलियों, चौकों और आस–पास के क्षेत्रों में पदयात्रा करके नीचे गिरा हुआ झंडा
झुका हुआ झंडा, कटा–फटा झंडा को सम्मानपूर्वक सहेजकर अपने घर को लाता है | यह वही ट्रीबॉय कन्हैया है जो भारत मां के लिए पर्यावरण प्रदूषण रूपी समस्या से आज़ाद कराने के लिए जन्मदिन, मुंडन, शादी या शादी के सालगिरह पर शुद्ध प्राणवायु के लिए पौधरोपण करवाते हैं | ट्रीबॉय कन्हैया को अबतक 25–30 झंडा इक्कट्ठा कर चुके है | ट्रीबॉय कन्हैया ने कहा कि भारतीय तिरंगा का सम्मान स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस मनाने से नहीं होता है | तिरंगा कटा–फटा नहीं होना चाहिए, नीचे गिरा हुआ नहीं होना चाहिए, तिरंगा गंदा नहीं होना चाहिए, तिरंगा झुका हुआ नहीं होना चाहिए | तिरंगा फहराने के बहुत सारे नियम और प्रोटोकॉल्स हैं लेकिन वर्तमान सरकार ने सारी नियम और प्रोटोकॉल्स की धज्जियां उड़ा दी हैं | नियमानुसार तिरंगा खादी का ही होना चाहिए | लेकिन इस बार हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत जिन लोगों ने घरों पर तिरंगा लगाया उसमें 90% तिरंगा सिंथेटिक का बना हुआ था | यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है | पता नहीं देश की जनता ऐसा क्यों कर रही है | सूर्यास्त के बाद तिरंगा नहीं फहराया जाता है उतार लिया जाता है कुछ विशेष संस्थानों को छोड़कर | तिरंगा झुका हुआ नहीं होना चाहिए | गंदा नहीं होना चाहिए लेकिन देश की जनता जो इस बात को शायद नहीं जानती है | साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय तिरंगा का सम्मान और वतन की रक्षा के लिए ना जाने कितने वीरों और वीरांगनाओ ने अपने जान की आहुति दे दी | भारतीय तिरंगा का सम्मान देना और वतन की रक्षा करना हमसभी भारतीय का परम कर्तव्य है |